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Thursday, November 30, 2023

5G नेटवर्क से कई क्षेत्रों में क्रांति आएगी, लेकिन साइबर खतरों से रहना होगा अलर्ट, एक्सपर्ट ने 5 Imp सवालों के दिए जवाब

नई दिल्ली: लोगों की जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा बन चुके इंटरनेट (Internet) के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी कदम के तहत भारत में 5जी नेटवर्क (5G network) की शुरुआत हो चुकी है. 5G सेवा शुरू होने के बाद डेटा नेटवर्क स्पीड 2 जीबी से बढ़कर 20 जीबी प्रति सेकेंड तक होने की उम्मीद है. 5जी नेटवर्क के फायदों के साथ ही इसके कई हानिकारक प्रभावों के बारे में भी बात की जा रही है.Also Read – Airtel ने रिलायंस जियो को पछाड़ा, भारत में 5जी सेवाएं शुरू करने वाली पहली कंपनी बनी

इसी विषय पर जिनेवा स्थित अंतरराष्ट्रीय दूरसंचार संघ के विशेषज्ञ पवन कुमार गर्ग से ‘भाषा के पांच सवाल’ और उनके जवाब : Also Read – PM मोदी ने भारत में बैठे-बैठे यूरोप में चलाई कार, 5G का है कमाल

सवाल : दूरसंचार के क्षेत्र में 5जी नेटवर्क एक क्रांतिकारी कदम है, आपकी नजर में इसके फायदे और नुकसान क्या हैं? Also Read – 1 अक्टूबर से शुरू हो जाएगी 5G सर्विस, मिलेंगी स्मार्ट एंबुलेंस से लेकर क्लाउड गेमिंग तक की सुविधाएं

जवाब : 5जी नेटवर्क से डेटा के अपलोड और डाउनलोड होने का काम काफी तेज हो जाएगा. अभी जो फिल्म 5-10 मिनट में डाउनलोड होती है, वह चंद सेकेंड में डाउनलोड हो जाएगी. अक्सर हम देखते हैं कि एक साथ कई उपयोगकर्ताओं के जुड़ने पर भी इंटरनेट की रफ्तार धीमी पड़ जाती है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. तेज रफ्तार 5जी नेटवर्क से रोबोट, ड्रोन और ऑटोमैटिक वाहनों का संचालन भी आसान होगा. सर्जन दूर बैठकर भी सर्जरी में चिकित्सकों का मार्गदर्शन कर सकेंगे और स्मार्ट चिकित्सा उपकरण आपात मामलों में रोगियों को कम समय में बेहतर सलाह दे पाएंगे. लेकिन हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि नई तकनीक नए जोखिमों को भी अपने साथ लेकर आती है. यह बात 5जी तकनीक पर भी लागू होती है. इन खतरों में डेटा चोरी, हैकिंग और डेटा माइनिंग प्रमुख हैं.

सवाल : 5जी नेटवर्क से इंटरनेट का उपयोग करने वालों के अनुभव में किस प्रकार का बदलाव आएगा?

जवाब : 5जी सेवा से इंटरनेट की स्पीड पहले से 10 गुना तेज हो जाएगी. ऐसे में इंटरनेट का उपयोग काफी तेज और आसान हो जाएगा. उपयोगकर्ता वीडियो को बिना ‘बफर’ के देख पाएंगे. इसके अलावा, इंटरनेट कॉलिंग के दौरान बिल्कुल साफ आवाज सुनाई देगी. ड्राइवर-रहित कार और बाइक का जमाना आएगा. वर्चुअल कक्षा और डिजिटल युनिवर्सिटी की संकल्पना साकार होने से छात्रों और शिक्षकों के अनुभव बेहतर होंगे. नई तकनीक स्वास्थ्य और मोबाइल बैंकिंग जैसी सेवाओं की पहुंच को तेजी से बढ़ाएगी.

सवाल : कई विशेषज्ञों का मानना है कि 5जी नेटवर्क के अमल में आने के बाद उद्योगों, उपक्रमों और सरकारों को डेटा सुरक्षा के लिए तंत्र में बदलाव लाना होगा. आप इस पर क्या कहेंगे?

जवाब : 2जी, 3जी, 4जी या 5जी सेवा की डेटा सुरक्षा में कोई बहुत बड़ी भूमिका नहीं होती है. इसमें इतना होता है कि कोई डेटा 3जी में 10 मिनट में डाउनलोड हो रहा है तो 5जी में वह आधे सेकेंड में हो जाएगा. इस मायने में अगर किसी का इरादा गलत है, तब 5जी के खतरे हैं.

वर्तमान में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम में डेटा सुरक्षा को लेकर पूरी स्पष्टता नहीं है, लेकिन गलत काम करने और साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ प्रावधान हैं. ऐसे में डेटा सुरक्षा कानून आने से डेटा संग्रहण, डेटा माइनिंग, डेटा चोरी को लेकर धाराएं स्पष्ट एवं प्रावधान सख्त हो जाएंगे. इस दिशा में कदम उठाए जाने चाहिए.

सवाल : 5जी सेवा के अमल में आने के बाद काफी मात्रा में वहनीय एवं सस्ते उपकरण बाजार में आ जाएंगे, जिनमें सुरक्षा प्राथमिकता नहीं होगी. मॉलवेयर, फर्जी ऐप, निजी डेटा चोरी होने जैसे साइबर सुरक्षा खतरे बढ़ने की भी आशंका रहेगी. आप 5जी नेटवर्क को लेकर ऐसे खतरों को कितना चुनौतीपूर्ण मानते हैं?

जवाब : ऐसे खतरों को लेकर मेरा जवाब ‘हां भी है और ना भी.’ भारत के मौजूदा इंटरनेट आधारभूत ढांचे में कई कमियां हैं, जो डेटा सुरक्षा के उपायों को कमजोर कर रही हैं. हालांकि, अगर हम उदाहरण के तौर पर देखें कि सरकार ने अवैध हथियारों पर रोक लगाने के लिए अग्नेयास्त्र अधिनियम बनाया, लेकिन बड़ी संख्या में लोगों के पास अवैध हथियार मौजूद हैं. डेटा सुरक्षा भी एक सापेक्ष शब्दावली है. हां, यह जरूर है कि जिस तरह बैंकों ने इंटरनेट बैंकिंग के लिए दोहरे सुरक्षा उपाए किए हैं, वैसे कदम अन्य क्षेत्रों में भी उठाए जाने चाहिए.

सवाल : 5जी नेटवर्क के युग में इंटरनेट सेवा का सुरक्षित इस्तेमाल करने के लिए क्या कदम उठाए जाने की जरूरत है?

जवाब : डेटा सुरक्षा और साइबर हमलों को रोकने के लिए सरकार को जहां एक परिस्थितिकी बनानी होगी. वहीं, 5जी सेवा का इस्‍तेमाल कर रहे उपयोगकर्ताओं को भी ज्‍यादा सतर्क रहना पड़ेगा. इंटरनेट का इस्तेमाल करने वाले लोगों को पासवर्ड, ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड), निजी, वित्तीय या बैंकिंग डेटा साझा न करने और बिना पुष्टि किए कहीं से भी कुछ भी डाउनलोड नहीं करने की आदत हर हाल में डालनी होगी. (bhasha)

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