Bali Tourism In Hindi: बाली बेहद खूबसूरत जगह है. दुनियाभर से यहां सैलानी आते हैं. यह जगह इंडोनेशिया में है. यहां कई सुंदर पर्यटन स्थल हैं. चारों तरफ खूबसूरत समुद्री तट है. यहां जाने के बाद सैलानियों का वापस लौटने का मन नहीं करता है. बाली जावा द्वीप के पूर्व में स्थित है. यहां समुद्री तटों पर वाटर स्पोर्ट्स होता है, जिसके लिए एडवेंचर पसंद टूरिस्ट यहां जाते हैं. यहां की कला और संस्कृति भी दुनियाभर में प्रसिद्ध है. इसके अलावा फूड भी लजीज है. बाली में ढलता सूरज देखना हर किसी सैलानी का सपना होता है, क्योंकि यह बेहद आकर्षक होता है. इस द्वीप का इतिहास बेहद पुराना है. चौथी- पांचवी शताब्दी के दौरान हिंदू व्यापारियों के लिए यह एक शानदार व्यापारिक केंद्र रहा. यहां डचो ने भी शासन किया और उसके बाद जापान ने इसे अपने कब्जे में ले लिया. यहां हिंदू धर्म मानने वाले लोग भी काफी तादाद में रहते हैं.Also Read – Roopkund Lake Uttarakhand: ये है नर कंकालों की झील, दुनियाभर से इसे देखने आते हैं सैलानी
बाली में जरूर देखें ये 5 जगहें
1-उबुद
2-उलुवातु मंदिर
3-लोविना
4-कान्ग्गु
5-सेमिनिअक Also Read – IRCTC: आईआरसीटीसी के इस सस्ते टूर पैकेज से घूमिये JAIPUR, किराया और पैकेज की तारीख जानिये
उबुद को यहां की सांस्कृतिक राजधानी माना जाता है. अगर आपको संगीत और नृत्य कार्यक्रम देखने हो तो बाली में उबुद जरूर जाएं. बाली में वैसे तो कई हिंदू मंदिर हैं पर तनाह लोट (Tanah Lot) इनमें प्रमुख है. यह प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है. सूर्यास्त होते हुए देखना हो तो उलुवातु मंदिर (Uluwatu Temple) प्रांगण में जाएं. यहां से आप हिंद महासागर के शानदार दृश्य देख पाएंगे. सैलानियों को यहां के लोविना में जरूर घूमना चाहिए. यह बाली के पर्यटन स्थलों में शामिल है.लोविना के समुद्री बीच पर आप खूब मस्ती कर सकते हैं, रिसॉर्ट में ठहर सकते हैं और डॉल्फिन देख सकते हैं. यहां के मार्केट के एक्सप्लोर कर सकते हैं. सैलानियों को यहां के कान्ग्गु में भी जरूर जाना चाहिए. शांति और सुकून तलाशने वाले सैलानियों के लिए यह जगह बेहद सुंदर है. यहांसमुद्री लहरों को देखना, सनराइज और सनसेट का नजारा एवं तैराकी का आनंद लिया जा सकता है. सेमिनिअक यहां का शानदार टूरिस्ट स्पॉट है. जहां की नाइट लाइफ और शॉपिंग प्लेसिस सैलानियो को काफी भाते हैं. यह जगह बाली के दक्षिण-पश्चिमी तट पर स्थित है. Also Read – Bandhavgarh Madhya Pradesh: 85 साल बाद कई गुफाओं और मंदिरों की हुई खोज, 9वीं शताब्दी से है संबंध