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Friday, June 9, 2023

पार्ट टाइम नौकरी दिलाने के नाम पर लोगों को ठग रहा था चीनी ऐप फर्म, ईडी ने जब्त किए 5.85 करोड़ रुपए

प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने सोमवार को कहा कि उन्होंने हाल ही में बेंगलुरु में चीनी लिंक वाली 12 संस्थाओं पर तलाशी अभियान चलाया और लगभग 5.85 करोड़ रुपये जब्त किए. ये कंपनियां चाइनीज एप ‘कीपशेयर’ के जरिए पार्ट टाइम नौकरी दिलाने और उनसे पैसे वसूलने के बहाने मासूम युवकों को ठग रही थीं. इस प्रकार एकत्र किए गए धन का उपयोग क्रिप्टो मुद्राओं को खरीदने के लिए किया गया था. Also Read – टेलीग्राम ला रहा है प्रीमियम सर्विस, पेड यूजर्स को मिलेंगे ये शानदार फीचर्स

ईडी ने दक्षिण सीईएन पुलिस स्टेशन, बेंगलुरु शहर में पार्ट टाइम नौकरी धोखाधड़ी से संबंधित एक मामले में दर्ज प्राथमिकी के आधार पर मनी लॉन्ड्रिंग जांच शुरू की. ईडी को जांच में पता चला कि कुछ चीनी लोगों ने ‘कीपशेयर’ नामक मोबाइल ऐप के जरिए भोले-भाले लोगों, ज्यादातर युवाओं को धोखा दिया था, जिसने उन्हें पार्ट टाइम नौकरी देने का वादा कर उनसे पैसे एकत्र किए थे. Also Read – Panchayat Season 2: Telegram समेत कई साइट्स पर लीक होने के बाद तय समय से पहले ही रिलीज हुई 'पंचायत-2'

इन चीनी व्यक्तियों ने भारत में कंपनियों का गठन किया और कई भारतीयों को निदेशक, अनुवादक (मंदारिन का अंग्रेजी और इसके विपरीत अनुवाद करने के लिए), मानव संसाधन प्रबंधक और टेलीकॉलर के रूप में भर्ती किया. उन्होंने भारतीय व्यक्तियों के दस्तावेज प्राप्त किए और उनके दस्तावेजों का उपयोग करके बैंक खाते खोले. आरोपी चीनी लोगों ने ‘कीपशेयर’ के नाम से एक मोबाइल ऐप विकसित किया और युवाओं को पार्ट टाइम नौकरी के अवसर देकर व्हाट्सएप और टेलीग्राम के माध्यम से इसका विज्ञापन शुरू किया. इस ऐप को एक निवेश ऐप से जोड़ा गया था और उन्होंने इस ऐप पर रजिस्ट्रेशन के लिए युवाओं से पैसे जमा किए थे. Also Read – इंटरनेट पर लीक हुई 'Doctor Strange 2' फुल HD क्वालिटी में यहां से डाउनलोड कर रहे यूजर्स

अधिकारी ने कहा कि उन्होंने इस ऐप के जरिए निवेश के नाम पर जनता से भी पैसा इकट्ठा किया. युवाओं को मशहूर हस्तियों के वीडियो पसंद करने और उन्हें सोशल मीडिया पर अपलोड करने का काम दिया गया था. जब टास्क पूरा हो जाता था, तो वे प्रति वीडियो 20 रुपये का भुगतान करते थे, जिसे कीपशेयर वॉलेट में जमा किया जाना था.

ईडी ने कहा कि कुछ समय के लिए उनके वॉलेट में पैसा जमा हुआ, लेकिन बाद में ऐप को प्लेस्टोर से हटा दिया गया. इस प्रकार, जनता को उनकी निवेश राशि और भुगतान किए जाने वाले पारिश्रमिक के साथ धोखा दिया गया जो करोड़ों रुपये में चला गया.

घोटाले के माध्यम से एकत्र किए गए धन को कुछ बेंगलुरु स्थित कंपनियों के बैंक खातों से रूट किया गया और फिर क्रिप्टो मुद्रा में परिवर्तित किया गया और चीन स्थित क्रिप्टो एक्सचेंजों में स्थानांतरित कर दिया गया. फोन और व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए सभी लेनदेन चीनी लोगों के नियंत्रण में थे. पुलिस द्वारा दायर आरोप पत्र के अनुसार, 92 आरोपियों में से छह चीनी और ताइवान के नागरिक हैं, जो पूरे घोटाले को नियंत्रित कर रहे थे. मामले में आगे की जांच जारी है.

इनपुट आईएएनएस

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