पूजा या यज्ञ करवाते समय कई बातों का ध्यान रखना पड़ता है. पूजा करने के मुहूर्त से लेकर सामग्री तक सभी का चयन हम बहुत सोच-विचार कर करते हैं. लेकिन, कम ही लोग इस बात पर भी ध्यान देते है कि पूजा या यज्ञ करवाते समय किस पंडित को चुनना चाहिए और किससे यह काम बिल्कुल नहीं करवाना चाहिए. शास्त्रों में पंडित या ब्राह्मण को साधारण जीवन जीने वाला, सबका भला चाहने वाला और धर्म के मार्ग पर चलने वाला बताया गया है. लेकिन आजकल लोग अपने मार्ग से भ्रमित हो चुके हैं. ऐसे में गरुड़ पुराण में अपात्र लोगों से पूजा पाठ न कराने के लिए कहा गया है. जानिए किस तरह के लोगों या पंडित से पूजा, यज्ञ और श्राद्ध आदि न कराने की बात कही गई है.Also Read – गरुड़ पुराण: क्या वाकई होते हैं भूत-प्रेत? जानें इस धारणा को लेकर क्या कहता है गरुड़ पुराण
1. जादू-टोना या झाड़-फूंक करने वाले पंडित से कभी भी यज्ञ, पूजा या श्राद्ध कर्म नहीं करवाना चाहिए. अगर श्राद्ध कर्म के लिए इसे पंडित का चुनाव कर लिया जाता है, तो पिर्त दुखी होते हैं. Also Read – गरुड़ पुराण: परिवार का सुख और चैन छीन लेती हैं ये तीन आदतें, बहस और कलेश का बनती हैं कारण
2. बकरी पालने वाला, चित्रकार, वैद्य और ज्योतिषी- इन चार प्रकार के ब्राह्णों से भी पूजा नहीं करनी चाहिए, वरना उस पूजा का लाभ नहीं मिलता है. Also Read – गरुड़ पुराण: खुशहाली बनाए रखने के लिए अवश्य करें ये 5 काम, हमेशा रहेंगे दुखों से दूर
3. जिसने वेद ना पढ़े हों, धन कमाने के लालच से पूजा करवाने वाले पंडित से पूजा-यज्ञ करवाने पर उसका फल नहीं मिलता है.
4. दूसरों की खुशी से जलने वाले, बुरे काम करने वाले ब्रह्मणों का चयन कभी नहीं करना चाहिए.
5. हमेशा दूसरों का धन लेने वाला, झूठ बोलने वाला, हिंसा करने वाला, इन पंडितों या ब्राह्मणों से कभी भी पूजा नहीं करवानी चाहिए वरना इनके दोष हमें भी लग जाते हैं.
6. हमेशा दूसरों की निंन्दा करने वाला, नशा करने वाला इस प्रकार के पंडितों या ब्राह्मणों से पूजा, यज्ञ या श्राद्ध कर्म करवाने पर नरक की प्राप्ति होती है.
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं. India.com Hindi इसकी पृष्टी नहीं करता है.)