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Tuesday, June 6, 2023

गरुड़ पुराण: परिवार का सुख और चैन छीन लेती हैं ये तीन आदतें, बहस और कलेश का बनती हैं कारण

गुरुड़ पुराण के अनुसार व्यक्ति के जीवन में सुख-दुख उसके कर्मों के कारण होते हैं. गरुड़ पुराण में कहा गया है कि व्यक्ति के कर्मों का प्रभाव उसके जीवन में जीवित रहते हुए, मरने के बाद और अगले जन्म तक बना रहता है. हिंदू धर्म में 18 पुराणों में से गरुड़ पुराण भी एक है. ये बेहतर तरीके से जीने का मार्गदर्शन करती है. जीवन में हमें क्या करना चाहिए, क्या नहीं, कैसा व्यवहार करना चाहिए आदि के बारे में गरुड़ पुराण में बताया गया है. परिवार में कई लोग रहते हैं और सभी का व्यवहार एक-दूसरे से अलग होता है, लेकिन फिर भी वे प्रेम के साथ रहते हैं. लेकिन वहीं, दूसरे परिवारों में बहस और कलेश की स्थिति बनी रहती है. ऐसे लोगों में जरा सी भी सहनशीलता नहीं होती. गरुड़ पुराण के अनुसार ऐसी स्थिति की जिम्मेदार हमारी गलत आदतें होती हैं. इन आदतों का संबंध घर के माहौल से नहीं होता.Also Read – गरुड़ पुराण: क्या वाकई होते हैं भूत-प्रेत? जानें इस धारणा को लेकर क्या कहता है गरुड़ पुराण

रात में जूठे बर्तन छोड़ना Also Read – गरुड़ पुराण: खुशहाली बनाए रखने के लिए अवश्य करें ये 5 काम, हमेशा रहेंगे दुखों से दूर

पहले के समय में लोग ​रसोई को पूरी तरह से साफ करने के बाद ही सोने के लिए जाते थे, लेकिन आजकल ये सब लोगों के लिए मायने नहीं रखता. घरों में मेड लगी है, जो सुबह या दोपहर तक आती है. ऐसे में रात के जूठे बर्तन किचन में ही इकट्ठे रहते हैं. लेकिन गरुड़ पुराण की मानें तो रात के जूठे बर्तन छोड़ने की आदत आपके घर में दरिद्रता की वजह बनती है. इसके कारण घर में क्लेश और झगड़े की स्थिति पैदा होती है. Also Read – गरुड़ पुराण: ऐसे लोगों को नरक जाने से कोई बचा नहीं सकता, कहीं आप तो नहीं कर रहे ये गलतियां

घर को गंदा रखना

आज के समय में लोगों के पास इतना समय ही नहीं है, कि वे घर को साफ और व्यवस्थित रख पाएं. ज्यादातर लोग इस मा​मले में भी मेड पर निर्भर हो चुके हैं. लेकिन वास्तव में घर में स्वच्छता रखना और व्य​वस्थित रखना बहुत जरूरी है, वरना बीमारियां पनपने लगती हैं. गरुड़ पुराण के अनुसार घर में गंदगी रखने से मां लक्ष्मी का वास वहां कभी नहीं होता. ऐसे में फिजूल खर्च बढ़ जाते हैं. मतभेद और मनभेद बढ़ने लगते हैं, जिसके कारण झगड़े होते हैं.

कबाड़ इकट्ठा करना

ज्यादातर लोगों की आदत होती है कि कि घर का कबाड़ वे छत पर डाल देते हैं, उसके बाद इस कबाड़ की सुध भी नहीं होती. लेकिन कबाड़ को घर के किसी भी हिस्से में नहीं रखना चाहिए. कबाड़ इकट्ठा करने से घर में नकारात्मकता बढ़ती है और आर्थिक तंगी व क्लेश की स्थितियां पैदा हो जाती हैं. जंग लगे लोहे या फर्नीचर से जुड़ा कबाड़ तो घर में कभी नहीं रखना चाहिए. इससे घर के क्लेश बड़े विवादों में भी बदल सकते हैं. इसलिए कबाड़ को समय समय पर घर से निकालते रहें.

(यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं, इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है. India.com इसकी पृष्टी नहीं करता है.)

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