Income Tax Rebate : अगर आप नौकरीपेशा हैं तो आपके वेतन में कई ऐसे विकल्प शामिल हैं, जो टैक्स के बोझ को कम करने में मददगार हो सकते हैं. इनमें से कुछ विकल्पों में टैक्स का पूरा भुगतान करने की आवश्यकता होती है, जबकि 10 ऐसे विकल्प हैं जो टैक्स छूट के अंतर्गत आते हैं. ऐसे में हर नौकरीपेशा व्यक्ति को इस बात पर ध्यान देना चाहिए कि वह कंपनी द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का लाभ उठा पा रहा है या नहीं.Also Read – TDS Rules Changed : अब ज्यादा कैश निकालने पर देना पड़ सकता है टीडीएस, यहां जानिए – क्या तय की गई लिमिट और नियम?
कर्मचारी भविष्य निधि
ईपीएफ एक्ट के तहत कंपनी कर्मचारी के मूल वेतन और भत्तों का 12 फीसदी ईपीएफ में निवेश करती है. कंपनी को भी इतनी ही राशि का निवेश करना है. कर्मचारी का योगदान कर छूट है, जो 1.5 लाख रुपये तक है. यह छूट आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत उपलब्ध है. इस पर मिलने वाला ब्याज भी टैक्स छूट के दायरे में आता है. Also Read – कर अधिकारी आईटीआर प्रक्रिया, शिकायतों के तेजी से निपटान पर ध्यान दें: सीतारमण
अवकाश यात्रा भत्ता (LTA)
कर्मचारियों को अपने परिवार के साथ देश में कहीं भी यात्रा करने के लिए, कंपनियां छुट्टी यात्रा भत्ता प्रदान करती हैं, जो कर मुक्त है. यह छूट केवल ट्रेन, हवाई जहाज या सार्वजनिक परिवहन से यात्रा करने पर उपलब्ध है. इसमें गंतव्य तक पहुंचने के लिए सबसे कम दूरी को आधार बनाया जाता है. वेतन का यह हिस्सा कर्मचारी कंपनी के पास बुक किया हुआ टिकट जमा कर जमा कर सकता है. यह लाभ तभी मिलता है जब आप चार कैलेंडर वर्षों में दो बार यात्रा करते हैं. Also Read – LTC Rules : फ्लाइट टिकट बुकिंग पर सरकारी कर्मचारियों के लिए केंद्र ने जारी किए दिशा-निर्देश, LTC नियमों के बारे में पूरी जानकारी
हाउस रेंट अलाउंस (HRA)
वेतन का यह हिस्सा कर्मचारी को मकान किराए के भुगतान के एवज में दिया जाता है. इस पर टैक्स छूट पाने के लिए जरूरी है कि यह सैलरी का हिस्सा हो. आप निर्दिष्ट सीमा के साथ एचआरए के लिए प्राप्त राशि पर कर छूट का दावा कर सकते हैं.
कार रखरखाव भत्ता
बाजार के अनुसार कार की कीमत पर एक सीमा तक बैंक प्रतिपूर्ति का दावा किया जा सकता है. इस पर आपको टैक्स में छूट भी मिल सकती है. हालांकि, यह इस बात पर निर्भर करता है कि कार कंपनी की है या कर्मचारी की. यह प्रतिपूर्ति कुछ विशेष कार्यालय के काम और कई निजी काम के लिए उपलब्ध है.
खाद्य कूपन
ज्यादातर मल्टीनेशनल कंपनियां ऑफिस के काम के दौरान खाने-पीने के लिए फूड कूपन देती हैं. आप एक बार के खाने पर 50 रुपये तक की टैक्स छूट पा सकते हैं. महीने में 22 कार्य दिवसों के लिए दिन में दो बार सालाना 26,400 रुपये तक की कर छूट का लाभ उठा सकते हैं.
बाल शिक्षा भत्ता
बच्चे की फीस देने के एवज में कंपनियां कर्मचारी को सालाना 1,200 रुपये या 100 रुपये प्रतिमाह शिक्षा भत्ता देती हैं. यह सुविधा केवल दो बच्चों के लिए उपलब्ध है. इसके अलावा, कोई भी आयकर अधिनियम की धारा 80सी के तहत ट्यूशन फीस के भुगतान पर कर छूट का दावा कर सकता है.
छात्रावास व्यय पर छूट
कंपनियां अपने कर्मचारियों को छात्रावास व्यय भत्ता देती हैं. इसके तहत कर्मचारी को बच्चे के छात्रावास के खर्च पर 3,600 रुपये या 300 रुपये प्रति माह का वार्षिक भत्ता मिलता है, जो कर मुक्त है. यह छूट अधिकतम 2 बच्चों के लिए ही उपलब्ध है.
फोन बिल प्रतिपूर्ति
इसमें टेलीफोन और मोबाइल फोन बिल दोनों की प्रतिपूर्ति शामिल है. ब्रॉडबैंड इंटरनेट कनेक्शन सहित टेलीफोन शुल्क इसके अंतर्गत आते हैं. कुछ कंपनियां अपने कर्मचारियों को यह सुविधा देती हैं, जो टैक्स छूट के दायरे में आती हैं.
वर्दी भत्ता
कर्मचारियों को यह भत्ता ड्यूटी पर रहते हुए अपनी वर्दी के रखरखाव के लिए मिलता है. आप वर्दी की खरीद और रखरखाव में होने वाले खर्च पर भी कर छूट प्राप्त कर सकते हैं.
उपहार वाउचर
कंपनियां कभी-कभी अपने कर्मचारियों को तोहफा देती हैं, जिस पर टैक्स में छूट मिलती है. हालांकि इसमें शर्त यह है कि इसकी कुल कीमत सालाना 50,000 रुपये से ज्यादा न हो, तभी आपको टैक्स में छूट मिल सकती है.