India-Pakistan Relation: पाकिस्तान में विनाशकारी बाढ़ की वजह से जनता बेहाल है. भूख और गरीबी को झेलने के बावजूद, विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने गुरुवार को अपने देश के लिए धन मांगने के बजाय न्यूयॉर्क में फिर से कश्मीर का मुद्दा उठाया. जरदारी ने कश्मीर मुद्दे को उठाते हुए कहा कि इस मामले में भारत के रूख को लेकर “मैंने फिलहाल इसके कोई संकेत नहीं देखे हैं. भारत उन देशों में से नहीं है जिन्होंने सहायता की पेशकश की है. जहां तक मेरी पार्टी का संबंध है, मेरे प्रधानमंत्री की पार्टी का संबंध है, हम भारत के साथ एक शांतिपूर्ण वातावरण बनाने की कोशिश कर रहे हैं और भारत के साथ जुड़ाव के लिए हम कोशिश कर रहे हैं लेकिन भारत मौलिक रूप से बदल गया है.”Also Read – Pakistan: पाकिस्तान का नया दांव-भारत हमारा पड़ोसी है और हम हमेशा साथ रहेंगे, शांति से रहें या लड़ें-चुनाव हमारा है
विदेश मंत्री ने कहा-भारत से रिश्ते नहीं सुधर सकते
जरदारी यूएनजीए की उच्च स्तरीय बैठक के लिए न्यूयॉर्क में हैं. उन्होंने आगे दावा किया कि पाकिस्तान के लिए भारत के साथ जुड़ना अविश्वसनीय रूप से कठिन हो गया है.” उन्होंने आगे कहा, “अमेरिकी पाकिस्तान संबंध अपनी योग्यता के आधार पर खड़े हैं…हमारे बीच ऐतिहासिक संबंध हैं.” Also Read – चार बार निकाह-चार बार तलाक, सोशल मीडिया पर क्यों हो रहे पाकिस्तानी एक्ट्रेस नूर बुखारी के चर्चे-PICS
भारत-पाकिस्तान संबंधों के बारे में एक सवाल के जवाब में, विदेश मंत्री जरदारी ने कहा, “मुझे लगता है कि आज का युवा वर्ग ये सोच रहा है कि हम अतीत की बातों को भूलकर आगे नहीं बढ़ पा रहे हैं और दुर्भाग्य से, जैसा कि मैं उल्लेख करता हूं, यहां तक कि पाकिस्तान में, जो भारत के साथ शांति और भारत के साथ जुड़ाव के प्रबल समर्थक रहे हैं, अगस्त 2019 की कार्रवाइयों के बाद वास्तव में हमारे लिए इसे अविश्वसनीय रूप से कठिन बना दिया है कि हम भारत से बेहतर संबंध स्थापित करें.” Also Read – India-Pakistan Relations: भारत ने पाकिस्तान को जमकर लगाई लताड़, कहा-शर्म आनी चाहिए, जानिए वजह
जरदारी ने किये झूठे दावे, भारत ने दिया करारा जवाब
जरदारी, जो संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) में भाग लेने के लिए न्यूयॉर्क में हैं, ने पहले संयुक्त राष्ट्र में झूठे दावे किए थे कि भारत एक हिंदू वर्चस्ववादी राज्य में बदल रहा है और कश्मीर का मुद्दा उठा रहा है. इस पर भारत के यूएनईएस (संयुक्त राष्ट्र आर्थिक और सामाजिक) के संयुक्त सचिव, श्रीनिवास गोटरू ने करारा जवाब दिया और कहा कि यह विडंबना है कि इस्लामाबाद जिसने खुद “अल्पसंख्यकों के अधिकारों का घोर उल्लंघन किया है,” अल्पसंख्यकों के अधिकारों के बारे में बोल रहा है.
एक ऐसा देश जिसने अपने शर्मनाक रिकॉर्ड को छिपाने के लिए अपना डेटा प्रकाशित करना बंद कर दिया है. , यह आश्चर्यजनक है कि उन्होंने इस विषय को भी उठाया है. इसका अल्पसंख्यक अधिकारों का गंभीर उल्लंघन करने का एक लंबा इतिहास रहा है जिसे दुनिया ने कभी देखा है.”