MEA Advisory: कनाडा में रह रहे भारतीय नागरिकों के लिए विदेश मंत्रालय ने एडवाइजरी जारी की है. विदेश मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि कनाडा में घृणा अपराध (Hate Crimes), नस्लीय हिंसा और भारत विरोधी गतिविधियों से जुड़ी घटनाओं में अचानक बढ़ोतरी हुई है. ऐसे में वहां भारतीय नागरिकों और छात्रों को सतर्क और चौकस रहने की सलाह दी जाती है. बयान के अनुसार, ‘विदेश मंत्रालय और कनाडा में हमारे उच्चायोग एवं महावाणिज्य दूतावास ने वहां के प्रशासन के सामने इन घटनाओं को उठाया है और ऐसे अपराध की जांच करने एवं उपयुक्त कार्रवाई करने का आग्रह किया है.Also Read – Russia Ukraine War: यूक्रेन के 18 फीसदी हिस्से पर आज से रूस का कब्जा, पुतिन करेंगे चार इलाकों के विलय का औपचारिक ऐलान
इसमें कहा गया है कि ऐसे अपराधों को अंजाम देने वालों को कनाडा में अब तक न्याय के कठघरे में नहीं खड़ा किया गया है. मंत्रालय ने कहा, ‘ऐसे अपराधों के बढ़ते मामलों को देखते हुए कनाडा में भारतीय नागरिकों एवं छात्रों तथा वहां यात्रा/शिक्षा के लिये जाने वालों को सचेत एवं सतर्क रहने की सलाह दी जाती है.’ बयान में कहा गया है कि कनाडा में भारतीय नागरिक एवं छात्र ओटावा में भारतीय उच्चायोग या टोरंटो और वेंकूवर में महावाणिज्य दूतावास के साथ संबंधित वेबसाइट या ‘मदद पोर्टल’ पर पंजीकरण करा सकते हैं. Also Read – पाकिस्तान के पूर्व PM नवाज शरीफ की बेटी मरियम को राहत, भ्रष्टाचार के मामले में कोर्ट ने किया बरी
इसमें कहा गया है कि पंजीकरण कराने से उच्चायोग और महावाणिज्य दूतावास के लिये किसी भी जरूरत या आपात स्थिति में कनाडा में भारतीय नागरिकों से बेहतर ढंग से सम्पर्क करना सु्गम होगा. एक दिन पहले ही, भारत ने कनाडा में ‘तथाकथित खालिस्तानी जनमत संग्रह’ पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा था कि यह ‘बेहद आपत्तिजनक’ है कि एक मित्र देश में कट्टरपंथी एवं चरमपंथी तत्वों को राजनीति से प्रेरित ऐसी गतिविधि की इजाजत दी गई. Also Read – आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को मिला नया वित्त मंत्री, इस्हाक डार फिर संभालेंगे जिम्मेदारी
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने संवाददाताओं से कहा था कि भारत ने इस मामले को राजनयिक माध्यमों से कनाडा के प्रशासन के समक्ष उठाया है और इस मुद्दे को कनाडा के समक्ष उठाना जारी रखेगा. उन्होंने तथाकथित खालिस्तानी जनमत संग्रह को फर्जी कवायद करार दिया था. बागची ने कहा था कि कनाडा ने भारत की संप्रभुता एवं क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने की बात कही है, लेकिन यह बेहद आपत्तिजनक है कि एक मित्र देश में कट्टरपंथी एवं चरमपंथी तत्वों को राजनीति से प्रेरित ऐसी गतिविधि की इजाजत दी जा रही है. प्रवक्ता के अनुसार, कनाडा सरकार ने कहा था कि वे उनके देश में हो रहे तथाकथित जनमत संग्रह को मान्यता नहीं देते हैं.
(इनपुट: भाषा)