तिरुवनंतपुरम: केरल सरकार के मेगा ओणम रैफल (Mega Onam Raffle) में 25 करोड़ रुपये के प्रथम पुरस्कार के विजेता घोषित किए किसी के लिए भी बहुत बड़ी बात हो सकती है. ये सब कुछ पा लेने जैसा माना जायेगा, लेकिन इतनी बड़ी रकम जीतने के बाद अब ऑटो चालक पछता रहा है. ऑटोरिक्शा चालक अनूप का कहना है कि उन्हें अपनी जीत का पछतावा है. “मैंने मन की सारी शांति खो दी है और मैं अपने घर में भी नहीं रह सकता क्योंकि मैं उन लोगों से घिरा हुआ हूं जो मुझे अपनी विभिन्न जरूरतों के लिए मुझसे मिलना चाहते हैं. अब मैं जगह बदलता रहता हूं क्योंकि मैंने मन की वह शांति खो दी है जिसका मैंने पुरस्कार जीतने तक आनंद लिया था.”Also Read – Neelakurinji: भारत में 12 साल में एक बार खिलता है ये फूल, यहां जरूर घूमने जाएं | Watch Video
अनूप अपनी पत्नी, बच्चे और मां के साथ मुख्य राजधानी शहर से करीब 12 किमी दूर श्रीकार्यम में रहता है. जीत का टिकट अनूप ने यहां के एक स्थानीय एजेंट से अपने बच्चे की छोटी बचत पेटी को तोड़कर लिया था. कर और अन्य बकाया राशि में कटौती के बाद, अनूप को पुरस्कार राशि के रूप में 15 करोड़ रुपये की राशि मिलेगी. Also Read – कोझिकोड के मॉल में मलयालम एक्ट्रेस का यौन उत्पीड़न, Instagram पर किया चौंकाने वाला खुलासा; Viral हो रहा वीडियो
उसने कहा, “अब मैं वास्तव में चाहता हूं, मुझे इसे नहीं जीतना चाहिए था. मैं, ज्यादातर लोगों की तरह, मुझे वास्तव में एक या दो दिन के लिए पूरे प्रचार के साथ जीतने में मजा आया. लेकिन अब यह एक खतरा बन गया है और मैं बाहर भी नहीं निकल सकता. लोग मेरे पीछे हैं और मुझसे मदद मांग रहे हैं.” वह अपने सोशल मीडिया अकाउंट का इस्तेमाल लोगों को यह बताने के लिए कर रहे हैं कि उन्हें अभी पैसा नहीं मिला है. Also Read – कांग्रेस के संकट के बीच थरूर ने अध्यक्ष के चुनाव के लिए किया बड़ा दावा, पूरे देश के कार्यकर्ताओं का समर्थन है
अनूप ने कहा, “मैंने तय नहीं किया है कि पैसे का क्या करना है और फिलहाल, मैं दो साल के लिए पूरा पैसा बैंक में रखूंगा. अब मैं वास्तव में चाहता हूं कि मेरे पास यह नहीं होना चाहिए, इसके बजाय, पुरस्कार की राशि कम होती तो बेहतर होता.” अनूप को अफसोस है कि अब वह दौर आ गया है, जहां उनके जाने-पहचाने लोग दुश्मन बन जाएंगे. नाराज अनूप ने कहा, “मेरे पड़ोसी नाराज हैं क्योंकि मेरे आस-पड़ोस में कई लोग बाहर से आते हैं. मास्क पहनने के बाद भी लोग मेरे चारों ओर भीड़ लगाते हैं कि मैं विजेता हूं. मेरे मन की शांति गायब हो गई है.”