उत्तर प्रदेश के संभल जिले में आबादी से करीब 6 किलोमीटर दूर तोता मैना एक रहस्यमी कब्र है, जानकारों की मानें तो यह एक हजार साल से भी ज्यादा पुरानी है. इसके दोनों तरफ उर्दू, फारसी और अरबी भाषा से मिलती-जुलती भाषाओं में कुछ लिखा हुआ है. जिसे जानने और समझने के लिए देश-विदेश से अलग-अलग भाषाओं के जानकार आ चुके हैं, लेकिन आज तक तोता मैना की यह कब्र लोगों के लिए एक अनसुलझी पहेली बनी हुई है.इलाके के लोगों का मानना है कि तोता मैना की इस कब्र पर लिखी इबारत में इलाके में किसी अकूत खजाने का राज छिपा हुआ है. अराजक तत्वों द्वारा कई बार इसे तोड़ने की भी कोशिश की गई लेकिन लोग यहां भी नाकाम रहे.Also Read – उधार के रुपए का तगादा करने पर शख्स ने सगे बेटे की पत्नी को मारी गोली, पुलिस ने आरोपी ससुर को किया गिरफ्तार
संभल जिले की इस रहस्यमयी कब्र को लेकर तमाम किस्से और कहानियां मशहूर हैं. कुछ इतिहासकारों का मानना है कि संभल क्षेत्र, जब राजपूत राजा पृथ्वीराज चौहान की राजधानी हुआ करता था, उस दौरान राजपूत राजा एक तोता मैना के जोड़े के आपसी प्रेम से बेहद प्रभावित थे, उन्होंने ही जोड़े की मृत्यु के बाद उनकी याद में यह कब्र बनवाकर इस पर उनकी प्रेम कहानी की दास्तान लिखाई थी. लेकिन कब्र पर लिखी भाषा के आज तक न पढ़े जाने से इस कहानी की पुष्टि नहीं हो पाई है. Also Read – 75 साल से पूरी तरह अपराध मुक्त है यूपी का यह गांव, कभी थाने नहीं गए लोग; डीएम भी कर चुके हैं तारीफ
दरअसल उत्तर प्रदेश का संभल एक ऐतिहासिक इतिहास अपने आप में समेटे हुए है. राजपूत राजा पृथ्वीराज चौहान की राजधानी रहे संभल क्षेत्र से पुरातत्वविदों को आज भी हजारों वर्षों पुरानी ऐतिहासिक महत्व की तमाम मूर्तियां, ताम्र फलक आदि मिलते रहते हैं. जिनमें राजपूत राजाओं की आराध्य देवी चतुर्भुज महिष मर्दिनी की मूर्ति, ताम्र युगीन शस्त्र सैनिकों की प्रतिमा और पुरानी मुद्राओं के सिक्के आदि समेत तमाम पुरावशेष शामिल है. प्रख्यात पुरातत्वविद अतुल मिश्र ने बताया कि संभल क्षेत्र से मिले पुरावशेषों का इतिहास तो मिलता है, लेकिन एक हजार साल से भी पुरानी तोता मैना की रहस्यमय कब्र की जानकारी आज भी सभी के लिए अनसुलझी पहेली बनी हुई है. Also Read – UP: सरकारी स्कूल में 18 घंटे बंद रही 7 साल की छात्रा, लापरवाह स्टाफ के विरुद्ध होगी कार्रवाई