Navratri 2022 Maha Navami Date and Timing: नवरात्रि के अंतिम दिन यानी 9वें दिन मां दुर्गा के सिद्धिदात्री स्वरूप की पूजा होती है. जो कि मां दुर्गा का अंतिम और नौवां स्वरूप है. मां सिद्धिदात्री कमल के पुष्प पर विराजमान हैं और इनके हाथों में शंख, चक्र, गदा और पद्म है. यक्ष, गंधर्व, किन्नर, नाग, देवी-देवता और मनुष्य सभी इनकी कृपा से सिद्धियों को प्राप्त करते हैं. इन्हें मां सरस्वती का भी स्वरूप माना जाता है. कहते हैं इनका विधि-विधान से पूजन करने से विद्या, बुद्धि की प्राप्ति होती है. इस बार नवरात्रि की नवमी तिथि कल यानि 4 अक्टूबर को मनाई जा रही है. आइए जानते हैं पूजन विधि.Also Read – Maha Navami 2022 Wishes: दुर्गा नवमी पर अपने दोस्तों व रिश्तेदारों को भेजें ये शुभकामना संदेश
महा नवमी की कथा
शास्त्रों के अनुसार ऐसी मान्यता है कि मां पार्वती ने महिषासुर नामक राक्षस को मारने के लिए दुर्गा का रूप लिया था. महिषासुर एक राक्षस था जिससे मुकाबला करना सभी देवताओं के लिए मुश्किल हो गया था. इसलिए आदिशक्ति ने दुर्गा का रुप धारण किया और महिषासुर से 8 दिनों तक युद्ध किया और नौवें दिन महिषासुर का वध कर दिया. उसके बाद से नवरात्रि का पूजन किया जाने लगा. नौवें दिन को महानवमी के दिन से जाना जाने लगा. Also Read – Navratri 2022: नौवें दिन इस शुभ मुहूर्त में करें मां सिद्धिदात्री की पूजा और यह आरती पढ़ना ना भूलें, माता रानी होंगी प्रसन्न
इनकी पूजा से इससे यश, बल और धन की प्राप्ति होती है. सिद्धिदात्री देवी उन सभी भक्तों को महाविद्याओं की अष्ट सिद्धियां प्रदान करती हैं, जो सच्चे मन से उनके लिए आराधना करते हैं. मान्यता है कि सभी देवी-देवताओं को भी मां सिद्धिदात्री से ही सिद्धियों की प्राप्ति हुई है. Also Read – Navratri 2022 Sandhi Puja: क्या होती है संधि पूजा? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व
माँ सिद्धिदात्री मंत्र
सिद्ध गन्धर्व यक्षाद्यैरसुरैरमरैरपि।
सेव्यमाना सदा भूयात् सिद्धिदा सिद्धिदायिनी।
महा नवमी का महत्व
इस दिन मां सिद्धिदात्री की उपासना करने से नवरात्रि के 9 दिनों का फल भक्त को प्राप्त हो जाता है. इसी दिन महानवमी की पूजा भी की जाती है. इसको करने से जीवन में सफलता और विजय प्राप्त होती है. इस दिन देवी की उपासना अवश्य करें. इस दिन के विशेष हवन से व्यक्ति अपनी मनोकामनाओं को पूरा कर सकता है.
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