वाशिंगटन : संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (UNSC) में सुधार की आवश्यकता काफी समय से महसूस की जा रही है. तमाम देश इस आवश्यकता को समझते भी हैं. मौजूदा दौर में भारत जैसे कुछ ऐसे देश में जो वैश्विक मुद्दों पर अहम भूमिका निभाते हैं, लेकिन उन्हें संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की स्थायी सदस्यता हासिल नहीं है. ऐसे में सुरक्षा परिषद का मकसद पूरा नहीं हो सकता. भारत और ब्राजील जैसे देश लगातार इस मुद्दे को उठाते रहे हैं.Also Read – पाकिस्तान ने 'आतंकवाद विशेषज्ञ' संबंधी विदेशमंत्री जयशंकर के बयान को खारिज किया, उल्टा भारत पर ही दोष मढ़ा
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में सुधार की आवश्यकता को हमेशा नकारा नहीं जा सकता है. यूएनएससी में वर्तमान में पांच स्थायी सदस्य चीन, फ्रांस, रूस, ब्रिटेन और अमेरिका हैं. ज्ञात हो कि भारत विश्व संस्था के 10 अस्थायी सदस्यों में से एक है. केवल स्थायी सदस्यों के पास ही किसी भी मूल प्रस्ताव को ‘वीटो’ करने का अधिकार है. भारत लगातार संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद में लंबित सुधारों पर कार्रवाई तेज करने को लेकर जोर देता रहा है. भारत का कहना है कि वह स्थायी सदस्य बनने का हकदार है. Also Read – Samsung ले आया कियाफती Galaxy A04s सीरीज, कीमत और फीचर चेक करें
जयशंकर ने बुधवार को वाशिंगटन में भारतीय पत्रकारों के एक समूह से सुरक्षा परिषद में सुधार को लेकर अमेरिका की गंभीरता के बारे पूछे गए सवाल के जवाब में कहा, ‘हमने कभी नहीं सोचा था कि यह एक आसान प्रक्रिया होगी, लेकिन हमारा मानना है कि सुधार की आवश्यकता को हमेशा नकारा नहीं जा सकता है.’ Also Read – Mangalyaan Mission Ended: मंगलयान मिशन फेल, बैट्री-ईंधन खत्म, 8 साल बाद धरती से टूटा संपर्क | Watch Video
उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि राष्ट्रपति जो बाइडन ने जो रुख अख्तियार किया है, वह सुरक्षा परिषद सहित संयुक्त राष्ट्र में सुधार के लिए अमेरिकी समर्थन को स्पष्ट रूप से रेखांकित करता है.’ उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि यह हम सभी पर और संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों पर निर्भर करता है कि हम इसे कहां ले जाते हैं.’
जयशंकर ने कहा, ‘यह किसी एक देश की जिम्मेदारी नहीं है, चाहे वह कितना भी शक्तिशाली क्यों न हो. मुझे लगता है कि यह एक सामूहिक प्रयास है जिसे संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों का आगे बढ़ाना है.’
यह रेखांकित करते हुए कि भारत अधिक जिम्मेदारियां लेने के लिए तैयार है, जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में बहुत जरूरी सुधारों के लिए बातचीत प्रक्रियात्मक रणनीति से अवरुद्ध नहीं होनी चाहिए और इसके निंदक इस प्रक्रिया को ‘हमेशा के लिए रोक कर ’ नहीं रख सकते.
भारत वर्तमान में 15 सदस्यीय संयुक्त सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य है और इस साल दिसंबर में उसका दो साल का कार्यकाल पूरा होगा.
इनपुट – पीटीआई