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Friday, September 22, 2023

Quiet Quitting और Moonlighting के बाद चर्चा में आया Productivity Paradox, जानें क्या है यह

What is Productivity Paradox: दुनियाभर में जॉब मार्केट और कंपनियों में इन दिनों कुछ टर्म्स हैं जो खूब चर्चा में बने हुए हैं. इसमें एक शब्द है क्वाइट क्विटिंग (What is Quiet Quitting) और दूसरा शब्द है मूनलाइटनिंग (Moonlighting). क्वाइट क्विंटिंग जिसका मतलब है कि कर्मचारी केवल वही काम कर रहे हैं जो उन्हें बताए जा रहे हैं. वहीं वे नौकरी के दौरान कंपनी में अधिक योगदान देने को तैयार नहीं है. वहीं दूसरे शब्द मूनलाइटिंग का मतलब है कि कर्मचारी किसी कंपनी में नौकरी करने के अलावा दूसरी कंपनी में भी नौकरी कर रहा है. कंपनियों के बीच ये दो शब्द चर्चा में बने थे कि एक नया शब्द बाजार में आ गया है. यह नया शब्द है प्रोडक्टिविटी पैराडॉक्स (What is Productivity Paradox).Also Read – क्यों चर्चा में आया Quiet Quitting, कर्मचारी क्यों बने कंपनियों के चिंता के कारण, पढ़ें पूरी डिटेल्स

चर्चा में आया प्रोडक्टिविटी पैराडॉक्स (What is Productivity Paradox)…

प्रोडक्टिविटी पैराडॉक्स (What is Productivity Paradox) इस नए नाम को बाजार में चर्चा में लाने वाले माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला है. Satya Nadella को लेकर कहा जा रहा है कि बाजार में उभरते टर्म एंप्लायमेंट ट्रेंड, क्वाइट क्विटिंग, मूनलाइटिंग जैसे नए ट्रेंड्स से निपटने का समाधान है. नडेला प्रोडक्टिविटी को लेकर मैनेजर और कर्मचारियों के बीच परने खाई को पाटना चाहते हैं. Also Read – Wipro ने 300 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला, 'मूनलाइटिंग' का है आरोप; जानें इसके बारे में सबकुछ

माइक्रोसॉफ्ट के हालिया सर्वे में पता चला है कि प्रोडक्टिविटी की धारण को लेकर एक असंतुलन है. माइक्रोसॉफ्ट के सर्वे से पता चला है कि 87 फीसदी कर्मचारी दावा करते हैं कि उनकी प्रोडक्टिविटी बहुत अच्छी है. वहीं 85 फीसदी मैनेजर इस बात को लेकर दुविधा में हैं कि वे इस बात का पता नहीं लगा पा रहे हैं कि उनके कर्मचारी प्रोडक्टिव है या नहीं. Also Read – How to become rich : अमीर बनने के बेहतरीन तरीके, जानें- जिंदगी में कैसे अर्जित कर सकते हैं ज्यादा संपत्ति?

क्या है प्रोडक्टिविटी पैराडॉक्स (What is Productivity Paradox)…

सत्या नडेला का कहना है कि कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों को लगता है कि उनके कर्मचारी प्रोडक्टिव नहीं है. वहीं कर्मचारियों को लगता है कि वे प्रोडक्टिव हैं. कई मामलों में कर्मचारी काम के कारण थकान और परेशानी से गुजर रहे हैं. नई दुनिया और हाईब्रिड वर्क में प्रोडक्टिविटी पैराडॉक्स के समस्या का समाधान हमारे लिए सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है. आसान भाषा में समझाएं तो प्रोडक्टिविटी पैराडॉक्स वो चीज है जिससे कर्मचारी को अपना काम प्रोडक्टिव लगता है, लेकिन मैनेजर को लगता है कि उसके कर्मचारी प्रोडक्टिव नहीं है और काम नहीं कर रहे हैं.

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