Rajasthan Political Crisis: राजस्थान में जारी सियासी संकट को लेकर पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन (Ajay Maken) ने पार्टी प्रमुख सोनिया गांधी (Sonia Gandhi) को अपनी लिखित रिपोर्ट सौंप दी है. न्यूज एजेंसी PTI ने सूत्रों के हवाले से इस जानकारी दी. पर्यवेक्षकों ने सोनिया गांधी (Sonia Gandhi News) को सौंपी अपनी रिपोर्ट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Ashok Gehlot) को क्लिनचिट दी है, हालांकि कुछ विधायकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश भी की गई है.Also Read – सूफी धर्म गुरु बोले- राहुल गांधी की भारत जोड़ों यात्रा में मुसलमानों का जाना हराम, BJP को लेकर कही ये बात
No direct reference to CM Ashok Gehlot in Congress observers’ report seeking disciplinary action against some of his loyalists: Sources
— Press Trust of India (@PTI_News) September 27, 2022
पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक पर्यवेक्षकों ने मंत्रियों और मुख्य सचेतक समेत पार्टी के 3 नेताओं के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की है. बता दें कि जिन विधायकों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की सिफारिश की गई है, वो सभी मुख्यमंत्री गहलोत के काफी करीबी हैं और सूत्रों के मुताबिक इनके नाम शांति धारीवाल, महेश जोशी और धर्मेंद्र राठौर हैं. Also Read – मल्लिकार्जुन खड़गे बोले- कार्यकर्ता के रूप में चुनाव लड़ रहा हूं, गांधी फैमिली से विमर्श कर अच्छी चीजों पर अमल करूंगा
Rajasthan crisis: Congress observers recommend disciplinary action against 3 party leaders including ministers and chief whip, say sources
— Press Trust of India (@PTI_News) September 27, 2022
बता दें कि एक दिन पहले यानी सोमवार को माकन और खड़गे जयपुर से लौटने के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से उनके 10 जनपथ स्थित आवास पर जाकर मिले थे और वहां के हालात से अवगत कराया था. इसके बाद सोनिया गांधी ने उनके लिखित में रिपोर्ट तलब की थी.
मालूम हो कि राजस्थान में कांग्रेस विधायक दल की बैठक रविवार रात को मुख्यमंत्री आवास पर होनी थी, लेकिन गहलोत के वफादार कई विधायक बैठक में नहीं पहुंचे. उन्होंने संसदीय कार्यमंत्री शांति धारीवाल के बंगले पर बैठक की और फिर वहां से वे विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी से मिलने गए. राजस्थान के प्रभारी अजय माकन ने संवाददाताओं से कहा कि जब विधायक दल की कोई आधिकारिक बैठक बुलाई गई हो और यदि कोई उसी के समानांतर एक अनाधिकारिक बैठक बुलाए, तो यह प्रथमदृष्टया ‘अनुशासनहीनता’ है. माकन ने कहा, ‘आगे देखेंगे कि इस पर क्या कार्रवाई होती है.’