UP News: यूपी में संभल जिले का एक गांव पूरे प्रदेश के लोगों के सामने रामराज्य की मिसाल पेश कर रहा है. चंदौसी तहसील के अंतर्गत आने वाला यह गांव पूरी तरह से अपराध मुक्त है. सबसे बड़ी बात यह है कि आजादी के 75 साल के बाद भी गांव के लोग आज तक कभी भी पुलिस थाने नहीं गए और न ही यूपी के किसी भी पुलिस थाने में रामराय पुर के ग्रामीणों के खिलाफ कोई आपराधिक केस ही दर्ज है. गांव में पुलिस का किसी भी मामले में कोई दखल नहीं रहा. इस गांव में हिंदू और मुस्लिम दोनों समुदाय के लोग रहते हैं. सभी लोग भाईचारे में रहते हैं. गांव के मुस्लिम रामायण की चौपाईयाँ गाते हैं तो हिन्दू मुस्लिमों के साथ मिलकर ईद का त्यौहार मनाते हैं. रामराय पुर गांव को अपराध मुक्त बनाए रखने के प्रयासों के लिए जिले के डीएम और एसपी गांव के बुजुर्गो को सम्मानित भी कर चुके हैं.Also Read – मुख्तार अंसारी एंबुलेंस केस: डॉ अलका राय के अस्पताल समेत 2.67 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क
रामराय पुर के लोगों के आपसी मामलों का निपटारा गांव में ही किया जाता है. गांव के लोगों को एकता की डोर में बांधने वाले बुजुर्ग रत्न सिंह अब इस दुनिया में नहीं है लेकिन अब यह जिमेदारी उनके बेटे संजय सिंह बखूबी निभा रहे हैं. बनिया ठेर थाना क्षेत्र के गांव रामराय पुर के किसी भी ग्रामीण के खिलाफ देश के किसी भी पुलिस थाने में आपराधिक रिकार्ड नहीं है. Also Read – सीतापुर में ट्रैक्टर-टैंकर के बीच जोरदार टक्कर, 4 लोग जिंदा जले; दो वाहनों में लगी आग
बता दें कि अपराध विहीन गांव रामराय पुर में ग्रामीणों के आपसी विवाद के मामले गांव के सबसे अधिक उम्रदराज 90 साल के बुजुर्ग रतन सिंह गांव की चौपाल में गांव के अन्य बुजुर्गो की मदद से मदद से निपटाते आ रहे थे. पिछले वर्ष रतन सिंह के निधन होने के बाद उनके बेटे संजय सिंह अब यह जिम्मेदारी निभा रहे है. देश की आजादी में इस गांव के स्वतंत्रता सेनानियों का भी योग दान रहा है.गांव के अधिकांश युवा ग्रेजुएट हैं और सरकारी सेवाओं में हैं. Also Read – मौत के मुंह से छीन लाई पति की सांसे, चलती ट्रेन में आया हार्ट अटैक तो ऐसे बचाई जिंदगी
(इनपुट- सुनील सिंह)