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Saturday, September 30, 2023

Sarva Pitru Amavasya 2022: पितृपक्ष के आखिरी दिन गंगा स्नान का है विशेष महत्व, पितरों को होती है मोक्ष की प्राप्ति

Sarva Pitru Amavasya 2022: हिंदू धर्म में पितृपक्ष का विशेष महत्त है और इस दौरान 16 दिनों तक पितरों का पूरे विधान के साथ तर्पण किया जाता है. कहते हैं कि पितृपक्ष में यमराज 16 दिनों के लिए दरवाजे खोल देते हैं (Mahalaya Amavasya 2022 Date) और फिर पितर अपने घर आते हैं. इन दिनों उनकी मृत्यु की तिथि (Pitru Paksha 2022 Last Day) के अनुसार उनका श्राद्ध व तर्पण किया जाता है. वहीं पितृपक्ष का अंतिम बेहद ही महत्वपूर्ण होता है और इसे सर्वपितृ अमावस्या या महालया अमावस्या भी कहा जाता है.Also Read – Navratri 2022: नौवें दिन इस शुभ मुहूर्त में करें मां सिद्धिदात्री की पूजा और यह आरती पढ़ना ना भूलें, माता रानी होंगी प्रसन्न

गंगा स्नान का है विशेष महत्व

सर्वपितृ अमावस्या 25 सितंबर 2022, रविवार को है और इस दिन सभी पितरों के नाम से श्राद्ध किया जाता है. साथ ही गलतियों के लिए माफी भी मांगी जाती है. हिंदू धार्मिक मान्यताओं में पितृपक्ष के आखिरी दिन यानि सर्वपितृ अमावस्या के दिन गंगा स्नान का विशेष महत्व है. कहते हैं कि इस दिन सभी पितृ गंगा पर जाते हैं और फिर वहां से अपने स्थान की प्रस्थान करते हैं. यदि इस दिन गंगा स्नान कर उनका तर्पण किया जाए तो वह प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं. मान्यता है कि पितरों के आशीर्वाद से मनुष्य जिंदगी में हमेशा तरक्की करता है. Also Read – Navratri 2022 Sandhi Puja: क्या होती है संधि पूजा? जानें शुभ मुहूर्त, पूजा विधि और महत्व

सर्वपितृ अमावस्या का महत्व

वैसे तो पितृपक्ष के पूरे 16 दिन बेहद ही महत्वपूर्ण होते हैं और प्रत्येक दिन पूर्वजों की मृत्यु की तिथि के अनुसार उनका श्राद्ध किया जाता है. लेकिन यदि किसी व्यक्ति को पूर्वजों की मृत्यु तिथि नहीं पता तो सर्वपितृ अमावस्या के दिन श्राद्ध किया जाता है. इस दौरान सभी पितरों का ध्यान कर उनका श्राद्ध करें और अपनी गलतियों के लिए माफी भी मांग लें. ऐसा करने से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और वह तृप्त होकर अपने धाम को जाते हैं. Also Read – Navratri 2022 Maha Navami Date and Timing: कल मनाई जाएगी महा नवमी, जान लें पूजन विध, इन मंत्रों का करें जाप और पढ़ें ये कथा

डिस्क्लेमर: यहां दी गई सभी जानकारियां सामाजिक और धार्मिक आस्थाओं पर आधारित हैं. India.Com इसकी पुष्टि नहीं करता. इसके लिए किसी एक्सपर्ट की सलाह अवश्य लें.

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