न्यूयॉर्क: संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें वार्षिक सत्र के दौरान भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारत को लेकर कई बातें कही हैं. एस जयशंकर ने कहा कि भारत ने 75 सालों में काफी तरक्की है. इसमें कोई संदेह नहीं है. हमने आज़ादी के 75 साल पूरे किए हैं. हम इसका जश्न मना रहे हैं और इसके साथ ही संयुक्त राष्ट्र के साथ अपनी 75 साल की साझेदारी का भी जश्न मना रहे हैं. भारत अब गर्व के साथ दुनिया की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है. 2047 तक आज़ादी के 100 साल होने तक भारत कई और लक्ष्य हासिल करना चाहता है.Also Read – पाकिस्तान ने 'आतंकवाद विशेषज्ञ' संबंधी विदेशमंत्री जयशंकर के बयान को खारिज किया, उल्टा भारत पर ही दोष मढ़ा
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इससे पहले सत्र के अलग हटकर भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका के समूह क्वॉड ने कहा कि वह हिंद प्रशांत क्षेत्र में यथास्थिति को बदलने संबंधी किसी भी एकतरफा कदम का कड़ाई से विरोध करता है. यहां जारी संयुक्त बयान के मुताबिक संयुक्त राष्ट्र महासभा के 77वें वार्षिक सत्र से इतर समूह के विदेश मंत्रियों ने स्वतंत्र और मुक्त हिंद-प्रशांत क्षेत्र का समर्थन करने के लिए क्वॉड बहु पक्षीय सहयोग को और मजबूत बनाने के लिए बैठक की. ऑस्ट्रेलिया के विदेश मंत्री पेन्नी वोंग, भारत के विदेश मंत्री एस. जयशंकर, जापान के विदेश मंत्री हयाशी योशिमासा और अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने इस बैठक में हिस्सा लिया. Also Read – UNSC में सुधार की जरूरत है और इस मांग को हमेशा नकारा नहीं जा सकता : विदेश मंत्री एस जयशंकर
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अमेरिकी विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया, ‘‘क्षेत्र के लिए क्वॉड का मानना है कि वहां नियम आधारित व्यवस्था स्थापित हो जहां स्वतंत्रता, कानून का शासन, लोकतांत्रिक मूल्य, विवादों का शांतिपूर्ण समाधान, संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान हो.’’ बयान में कहा गया, ‘‘हम क्षेत्र में यथास्थिति को बदलने और तनाव बढ़ाने वाली किसी भी एकतरफा कार्रवाई का कड़ा विरोध करते हैं. उन्होंने अंतरराष्ट्रीय कानून, शांति और सुरक्षा कायम रखने की प्रतिबद्धता दोहराई जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में विकास और समृद्धि का आधार है.’’ गौरतलब है कि चीन लगभग पूरे दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है जबकि ताइवान, फिलीपीन, ब्रूनेई, मलेशिया और वियतनाम अपने-अपने हिस्से पर दावा करते हैं.